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मापनी के आधार पर मानचित्रों के प्रकार । Types of Maps based on Scale

 मापनी के आधार पर मानचित्रों को दो भागों वर्गीकृत किया जा सकता है : 1. बृहद मापनी मानचित्र (Large Scale Maps) : इन मानचित्रों में छोटे क्षेत्रों को अपेक्षाकृत बृहत मापनी के द्वारा दिखाया जाता है। जैसे-1:250000, 1 : 50000,1: 25000 आदि गाँव अथवा क्षेत्रीय मानचित्र को 1 : 4000, 1 : 2000 या 1 : 500 मापनी पर दिखाया जाता है। इन मानचित्रों को अग्रलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।  (i) भू-सम्पत्ति मानचित्र (Cadastral Maps) : इन मानचित्रों को कृषि भूमि की सीमाओं का निर्धारण कर तथा नगरों में व्यक्तिगत मकानों के प्रतिरूप को दर्शाकर उनके स्वामित्व को दर्शाने के लिए बनाया जाता है। ये मानचित्र सरकार द्वारा भूमिकर, लगान आदि के रिकार्ड के लिए बनाए जाते हैं। ये बृहत मापनी पर बनाए जाते हैं जैसे 1 4000 तथा नगरों के मानचित्र 1: 2000 पर बनाए जाते हैं। (ii) स्थलाकृति मानचित्र (Topographical Maps) : ये मानचित्र भी बृहत मापनी पर बनाए जाते हैं। ये परिशुद्ध सर्वेक्षणों पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए भारत का सर्वेक्षण विभाग पूरे देश के स्थलाकृति मानचित्रों को 1 250000,1 50000 तथा 1: 25000 ...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश जी पूनिया जी से मुलाकात

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नागौर भाजपा सोशल मीडिया जिला संयोजक सुनील बिश्नोई ने हाल ही में 1 जून को जयपुर जाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश जी पूनिया जी से मुलाकात की।  इस मुलाकात के दौरान सुनील बिश्नोई ने नागौर में भाजपा ने सोशल मीडिया पर किस प्रकार पकड़ बनाई और किस प्रकार भाजपा को सोशल मीडिया पर मजबूत कर सकते है को लेकर मिलाकर हुई आदरणीय सतीश जी का स्नेह सुनील बिश्नोई पर हमेशा बना रहे  फोटो : सतीश जी के साथ सुनील बिश्नोई और रोहित गोदारा 

हिंदू इतने सहिष्णु कैसे होते हैं

आज के समय में जिस किसी को भी देखेंगे तो पाएंगे कि वो हिंदुओं का, उनकी आस्था का, उनके विश्वास का, उनकी पूजा पद्धति का मजाक बड़े आराम से उड़ा देते हैं  हाल में ही ज्ञानवापी मस्जिद मामले में भी यही देखने को मिला। वहां मिले शिवलिंग का अनेक मुस्लिम लोगो ने मजाक उड़ाया, शिवजी को हंसी का पात्र बनाया वो भी किस बात की भारत एक स्वतंत्र देश है तथा इसमें बोलने और अपने विचारों को रखनी की आजादी के नाम पर ... विचारों की स्वंत्रता ही नही वो विक्टिम कार्ड भी खेलकर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाते हैं और अगर कानूनी कार्यवाही होने लगती है तो बोलते है ये देश माइनोरिटी के लिए अच्छा नहीं हैं।  आखिर कब तक हिंदू अपने ही देश में अपनी आस्था का मजाक बनता हुआ देखेंगे  समय है की अब कोई कठोर कानून लाया जाए ताकि फिर आगे से ऐसी कोई हरकत ना कर सके।

कौन है नूपुर शर्मा, क्या है पूरा मामला !!

 भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर के बारे में विवादित टिप्पणी करने के लिए पार्टी से 6 साल तक के लिए सस्पेंड कर दिया है। नुपुर हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख प्रवक्ता के तौर पर दिखाई दी हैं। वे बीजेपी की नेता होने के साथ-साथ एक एडवोकेट भी हैं। नुपुर (Nupur Sharma) ने 2009 में टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपब्लिक डे स्पेशल एडिशन के लिए गेस्ट एडिटर की भूमिका भी निभाई थी। आइए इस लेख के माध्यम से उनकी शिक्षा (Nupur sharma Education) और उनकी जिंदगी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानते हैं। करियर  नुपुर का जन्म 23 अप्रैल 1985 में दिल्ली में हुआ था। नूपुर एक शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता का नाम डॉ विनय शर्मा है। उनका राजनीतिक करियर कॉलेज के दौरान ही शुरू हो गया था। 2008 में उन्हें संघ परिवार के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रूप में चुना गया। उन्होंने 2015 में असेंबली इलेक्शन में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था जिसमें उन्हें 31,000 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद उन्हें बीजेपी के दिल्ली यूनिट का ऑफिशि...

कोरोना वायरस

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है। * कोरोना वायरस क्या है? कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है। इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है। कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने...

मोदी जी एक जीवन परिचय

 वर्तमान में हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी है। उनका पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ है। भारत के राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। वे स्वतंत्र भारत के 15वें प्रधानमंत्री हैं तथा इस पद पर आसीन होने वाले स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं।   उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत हासिल की।   इससे पूर्व वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमंत्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमंंत्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।

ग्रीन हाउस प्रभाव

ग्रीन हाउस प्रभाव  पृथ्वी पर मौजूद वातावरण ग्रीनहाउस की सतह के रूप में कार्य करता है. सूर्य की ओर से आने वाली प्रकाश किरणों का 31 प्रतिशत भाग पृथ्वी की सतह से पुनः परवर्तित होकर स्पेस में चला जाता है और 20 प्रतिशत भाग वातावरण के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. सूर्य से आई ऊर्जा का बचा हुआ भाग, पृथ्वी पर मौजूद समुद्र और सतह पर मौजूद तथ्यों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. फिर इसे ऊष्मा (heat) में परिवर्तित किया जाता है जो पृथ्वी कि सतह और उपर मौजूद हवाओ को गर्म बनाये रखने में मदत करती है. पृथ्वी के वातावरण में मौजूद कुछ खास गैसें ग्रीनहाउस की सतह के रूप में कार्य करती है, और ऊष्मा को पृथ्वी पर बांधे रखती है. ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है? ग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की सतह को गर्म बनाये रखने में मदद करती है और इसी कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है. ग्रीनहाउस में सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा प्रकाश किरणों के रूप में एक सतह को पार करके ग्रीनहाउस तक आती है. इस सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा का कुछ भाग मिट्टी, पेड़ पौधों और ग्रीनहाउस के अन्य साधनों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता ह...