मापनी के आधार पर मानचित्रों को दो भागों वर्गीकृत किया जा सकता है : 1. बृहद मापनी मानचित्र (Large Scale Maps) : इन मानचित्रों में छोटे क्षेत्रों को अपेक्षाकृत बृहत मापनी के द्वारा दिखाया जाता है। जैसे-1:250000, 1 : 50000,1: 25000 आदि गाँव अथवा क्षेत्रीय मानचित्र को 1 : 4000, 1 : 2000 या 1 : 500 मापनी पर दिखाया जाता है। इन मानचित्रों को अग्रलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। (i) भू-सम्पत्ति मानचित्र (Cadastral Maps) : इन मानचित्रों को कृषि भूमि की सीमाओं का निर्धारण कर तथा नगरों में व्यक्तिगत मकानों के प्रतिरूप को दर्शाकर उनके स्वामित्व को दर्शाने के लिए बनाया जाता है। ये मानचित्र सरकार द्वारा भूमिकर, लगान आदि के रिकार्ड के लिए बनाए जाते हैं। ये बृहत मापनी पर बनाए जाते हैं जैसे 1 4000 तथा नगरों के मानचित्र 1: 2000 पर बनाए जाते हैं। (ii) स्थलाकृति मानचित्र (Topographical Maps) : ये मानचित्र भी बृहत मापनी पर बनाए जाते हैं। ये परिशुद्ध सर्वेक्षणों पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए भारत का सर्वेक्षण विभाग पूरे देश के स्थलाकृति मानचित्रों को 1 250000,1 50000 तथा 1: 25000 ...
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर के बारे में विवादित टिप्पणी करने के लिए पार्टी से 6 साल तक के लिए सस्पेंड कर दिया है। नुपुर हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख प्रवक्ता के तौर पर दिखाई दी हैं। वे बीजेपी की नेता होने के साथ-साथ एक एडवोकेट भी हैं। नुपुर (Nupur Sharma) ने 2009 में टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपब्लिक डे स्पेशल एडिशन के लिए गेस्ट एडिटर की भूमिका भी निभाई थी। आइए इस लेख के माध्यम से उनकी शिक्षा (Nupur sharma Education) और उनकी जिंदगी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानते हैं। करियर नुपुर का जन्म 23 अप्रैल 1985 में दिल्ली में हुआ था। नूपुर एक शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता का नाम डॉ विनय शर्मा है। उनका राजनीतिक करियर कॉलेज के दौरान ही शुरू हो गया था। 2008 में उन्हें संघ परिवार के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रूप में चुना गया। उन्होंने 2015 में असेंबली इलेक्शन में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था जिसमें उन्हें 31,000 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद उन्हें बीजेपी के दिल्ली यूनिट का ऑफिशि...
ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी पर मौजूद वातावरण ग्रीनहाउस की सतह के रूप में कार्य करता है. सूर्य की ओर से आने वाली प्रकाश किरणों का 31 प्रतिशत भाग पृथ्वी की सतह से पुनः परवर्तित होकर स्पेस में चला जाता है और 20 प्रतिशत भाग वातावरण के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. सूर्य से आई ऊर्जा का बचा हुआ भाग, पृथ्वी पर मौजूद समुद्र और सतह पर मौजूद तथ्यों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. फिर इसे ऊष्मा (heat) में परिवर्तित किया जाता है जो पृथ्वी कि सतह और उपर मौजूद हवाओ को गर्म बनाये रखने में मदत करती है. पृथ्वी के वातावरण में मौजूद कुछ खास गैसें ग्रीनहाउस की सतह के रूप में कार्य करती है, और ऊष्मा को पृथ्वी पर बांधे रखती है. ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है? ग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की सतह को गर्म बनाये रखने में मदद करती है और इसी कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है. ग्रीनहाउस में सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा प्रकाश किरणों के रूप में एक सतह को पार करके ग्रीनहाउस तक आती है. इस सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा का कुछ भाग मिट्टी, पेड़ पौधों और ग्रीनहाउस के अन्य साधनों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता ह...
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